लेखनी कविता -अयोध्या, 1992 - कुंवर नारायण

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अयोध्या, 1992 / कुंवर नारायण हे राम, जीवन एक कटु यथार्थ है और तुम एक महाकाव्य ! तुम्हारे बस की नहीं उस अविवेक पर विजय जिसके दस बीस नहीं अब लाखों ...

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